धूप दीप नैवेद्य चढ़ावे। शंकर सम्मुख पाठ सुनावे॥
जय गिरिजा पति दीन दयाला। सदा करत सन्तन प्रतिपाला॥
ॠनियां जो कोई हो अधिकारी। पाठ करे सो पावन हारी॥
Whosoever offers incense, prasad and performs arti to Lord Shiva, with really like and devotion, enjoys substance pleasure and spiritual bliss With this entire world and hereafter ascends towards the abode of Lord Shiva. The poet prays that Lord Shiva eliminated the struggling of all and grants them Everlasting bliss.
भए प्रसन्न दिए shiv chalisa in hindi इच्छित वर ॥ जय जय जय अनन्त अविनाशी ।
पण्डित Shiv chaisa त्रयोदशी को लावे। ध्यान पूर्वक होम करावे॥
शिव चालीसा - जय गिरिजा पति दीन दयाला । सदा करत सन्तन प्रतिपाला.
लै त्रिशूल शत्रुन को मारो। संकट से मोहि आन उबारो॥
नमो नमो दुर्गे सुख करनी। नमो नमो दुर्गे दुःख हरनी॥ निरंकार है ज्योति तुम्हारी। shiv chalisa lyricsl तिहूँ लोक फैली उजियारी॥
भजन: शिव शंकर को जिसने पूजा उसका ही उद्धार हुआ
स्वामी एक है आस तुम्हारी। आय हरहु अब संकट भारी॥
कीन्ही दया तहं करी सहाई। नीलकण्ठ तब नाम कहाई॥
क्षमहु नाथ अब चूक हमारी ॥ शंकर हो संकट के नाशन ।
लिङ्गाष्टकम्